
Makar Sankranti 2022:14 जनवरी को मकर राशि में सूर्य और शनि ग्रह का होना बड़ा ही दुर्लभ संयोग है। और यह संयोग 29 साल के बाद 14 जनवरी 2022 को पड़ रहा है। … Makar Sankranti 2022: सूर्य ग्रह के मकर राशि में प्रवेश करने के कारण मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। इस बार यह पर्व 14 जनवरी को पड़ रहा है।15 hours ago

मकर संक्रांति जो पिछले चार सालों से 15 जनवरी को मनाई जा रही है अब लेकिन मकर संक्रांति इस बार 14 जनवरी को मनेगी। पंडित जोखन पांडेय शास्त्री केअनुसार 14 जनवरी को दोपहर 2 बजकर 37 मिनट पर सूर्य का प्रवेश अपने पुत्र शनि के मकर राशि में हो रहा है। धर्मशास्त्र के अनुसार यदि दिन में सूर्य का संक्रमण होता है तो संक्रांति का पुण्यकाल उसी दिन रहता है। वहीं इस वर्ष श्रवण नक्षत्र में मकर संक्रांति हो रही है। इससे महंगाई पर नियंत्रण करने के प्रयास तेज होंगे।
सूर्य साधना का दिन है मकर संक्रांति
पंडित शरद चंद्र मिश्र के अनुसार मकर संक्रांति भगवान सूर्य का प्रिय पर्व है। इस दिन सुर्य की साधना से त्रिदेवों की साधना का फल प्राप्त होता है। ज्ञान-विज्ञान, विद्वता, यश, सम्मान, आर्थिक समृद्धि सूर्य से ही प्राप्त होती है। सूर्य इस ग्रह मंडल के स्वामी हैं। ऐसे में सूर्योपासना से समस्त ग्रहों का कुप्रभाव समाप्त होने लगता है।

पंडित शरद ने बताया कि मकर संक्रांति के दिन सूर्य का मंत्र- ‘ऊं घृणि: सूर्यार्घ्य नम:’ का जप या ‘ऊं ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम:’ का जप करना चाहिए। मकर संक्रांति के दिन स्नान कर कलश या तांबे के लोटे में पवित्र जल भरकर उसमें चंदन, अक्षत और लाल फूल छोड़कर दोनों हाथों को ऊंचा उठाकर पूर्वाभिमुख होकर भगवान सूर्य को ‘एही सूर्य सहस्त्रांसो तेजोराशे जगत्पते। अनुकम्पय मां भक्त्या गृहाणार्घ्यं दिवाकर।’ मंत्र से जलार्पण करना चाहिए। इस दिन सूर्य से संबंधित स्तोत्र, कवच, सहस्त्र नाम, द्वादश नाम, सूर्य चालीसा आदि का पाठ करना चाहिए।
मकर संक्रांति का क्या महत्व
ज्योतिर्विद पंडित नरेंद्र उपाध्याय के अनुसार सूर्य प्रत्येक मास में एक राशि पर भ्रमण करते हुए 12 माह में सभी 12 राशियों का भ्रमण कर लेते हैं। फलत: प्रत्येक माह की एक संक्रांति होती है। सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे मकर संक्रांति कहते हैं। इसका महत्व इसलिए है क्योंकि इस दिन सूर्य उत्तरायण हो जाते हैं। उत्तरायण काल को ही प्राचीन ऋषियों ने साधनाओं का सिद्धिकाल व पुण्यकाल माना है।

ज्योतिर्विद नरेंद्र उपाध्याय ने बताया कि मकर संक्रांति सूर्योपासना का महापर्व है। मकर से मिथुन तक की छह राशियों में छह महीने तक सूर्य उत्तरायण रहते हैं तथा कर्क से धनु तक की छह राशियों में छह महीने तक सूर्य दक्षिणायन रहते हैं। कर्क से मकर की ओर सूर्य का जाना दक्षिणायन तथा मकर से कर्क की ओर जाना उत्तरायण कहलाता है। सनातन धर्म के अनुसार उत्तरायण के छह महीनों को देवताओं का एक दिन और दक्षिणायन के छह महीनों को देवताओं की एक रात्रि मानी जाती है।
मकर संक्रांति सूर्योपासना का महापर्व
ज्योतिर्विद नरेंद्र उपाध्या ने बताया कि मकर संक्रांति सूर्योपासना का महापर्व है। मकर से मिथुन तक की छह राशियों में छह महीने तक सूर्य उत्तरायण रहते हैं तथा कर्क से धनु तक की छह राशियों में छह महीने तक सूर्य दक्षिणायन रहते हैं। कर्क से मकर की ओर सूर्य का जाना दक्षिणायन तथा मकर से कर्क की ओर जाना उत्तरायण कहलाता है। सनातन धर्म के अनुसार उत्तरायण के छह महीनों को देवताओं का एक दिन और दक्षिणायन के छह महीनों को देवताओं की एक रात्रि मानी जाती है।
मकर संक्रांति मुहूर्त (Makar Sankranti Shubh Muhurat)
Makar Sankranti 2022: मकर संक्रांति पर पवित्र नदियों में स्नान, दान, जाप करने का विशेष महत्व माना जाता है. इस दिन सूर्य उत्तरायण होते हैं. सूर्य धनु से निकलकर मकर राशि में अपनी यात्रा आरंभ करते हैं इसलिए इसे मकर संक्रांति कहा जाता है. इस बार मकर संक्रांति की तिथियों को लेकर उलझन है. आइये जानते हैं कि 14 या 15 जनवरी मकर संक्रांति कब मनाई जाएगी
मकर संक्रांति को क्या करें?
इस दिन प्रातःकाल स्नान कर लोटे में लाल फूल और अक्षत डाल कर सूर्य को अर्घ्य दें. सूर्य के बीज मंत्र का जाप करें. श्रीमदभागवद के एक अध्याय का पाठ करें या गीता का पाठ करें. नए अन्न, कम्बल, तिल और घी का दान करें. भोजन में नए अन्न की खिचड़ी बनाएं. भोजन भगवान को समर्पित करके प्रसाद रूप से ग्रहण करें. संध्या काल में अन्न का सेवन न करें. इस दिन किसी गरीब व्यक्ति को बर्तन समेत तिल का दान करने से शनि से जुड़ी हर पीड़ा से मुक्ति मिलती है.
मकर संक्रांति का महत्व (Makar Sankranti Significance)
मकर संक्राति के पर्व को कहीं-कहीं उत्तरायण भी कहा जाता है. मकर संक्राति के दिन गंगा स्नान, व्रत, कथा, दान और भगवान सूर्यदेव की उपासना करने का विशेष महत्त्व है. इस दिन किया गया दान अक्षय फलदायी होता है. इस दिन शनि देव के लिए प्रकाश का दान करना भी बहुत शुभ होता है. पंजाब, यूपी, बिहार और तमिलनाडु में यह समय नई फसल काटने का होता है. इसलिए किसान इस दिन को आभार दिवस के रूप में भी मनाते हैं. इस दिन तिल और गुड़ की बनी मिठाई बांटी जाती है. इसके अलावा मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाने की भी परंपरा है.